नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सभी आशा करता हु अच्छे होंगे दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको स्ट्रोक आने से पहेले शरीर देतें हैं ये संकेत: की पूरी जानकारी देंगे अगर आपको किसी भी अन्य टॉपिक नोट्स या कोई भी स्टडी मे समस्या हो रही हो या Admission संबंधित जानकारी या कोई अन्य जानकारी चाहिये तो आप हमे Comment के माध्यम से जरुर बताएं या BE Educare एक्सपर्ट्स से 9569174559 पर Whats App करके 10 मिनट का फ्री सेशन बुक करें| अपनी तैयारी या Knowledge और बेहतर बनाने के लिए आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये |
स्ट्रोक को ब्रेन अटैक भी कहा जाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब ब्रेन में सही तरह से खून की सप्लाई नहीं हो पाती है या ब्रेन में रक्त वाहिका फट जाती है। ऐसे में, मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिसकी वजह से मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है। ऐसी स्थिति में अगर मरीज को तुरंत इलाज न मिले, तो विकलांगता या मृत्यु का खतरा होता है। हालांकि, स्ट्रोक आने से पहले शरीर में इसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। एक स्टडी के अनुसार, स्ट्रोक के 43% मरीजों ने स्ट्रोक आने से एक सप्ताह पहले तक मिनी स्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव किया। ब्रेन स्ट्रोक की तरह मिनी स्ट्रोक भी दिमाग में ब्लड की सप्लाई रुकने के कारण आता है। लेकिन इससे स्थायी क्षति नहीं होती है और 24 घंटे में खुद ही ठीक हो जाता है। हालांकि, इसके लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर इलाज लेने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्ट्रोक आने से 7 दिन पहले कौन से लक्षण नजर आ सकते हैं स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना और समय रहते उपचार लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यहाँ कुछ सामान्य स्ट्रोक के लक्षण दिए जा रहे हैं, जो स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं:
- चेहरे की तरफ लगातार अजीब या धीमी गति से मुस्कान: एक तरफ के मुंह या आंख की तरफ मुस्कान असमान या अनैतिक हो सकती है।
- अर्धांगिनी शक्तिशाली या असहमति: व्यक्ति को एक हाथ या पैर की ताकत में कमी या निष्क्रियता का अनुभव हो सकता है, जो आंख में चक्कर आने के लिए जवाब देने में मदद करता है।
- अनुभूति की गई असहमति या बच्चा होने की अशक्ति: व्यक्ति असमय में अनुभूति कर सकता है, या उनके मुख्य अनुभूति में कमी हो सकती है।
- वक्त में उच्च आवाज़: व्यक्ति वक्त में खोल सकता है, अथवा इसके लिए मुश्किल कर सकता है, या वह अप्राकृतिक या बेतरतीब ढंग से बोल सकता है।
- सीने में दर्द या बेहोशी का अनुभव: सीने में असहमति, दर्द या बेहोशी का अनुभव हो सकता है, जो व्यक्ति के चेस्ट में एक भारी या अप्राकृतिक अनुभव कर सकता है।
- अचानक व्यायाम में मुश्किल: व्यक्ति को अचानक व्यायाम करने में मुश्किल हो सकती है और वह अनुपस्थिति का अनुभव कर सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को ये संकेत मिलते हैं, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। स्ट्रोक के मौखिक और उच्चारण के लक्षण हो सकते हैं, और अधिक जानकारी और जाँच के लिए चिकित्सक की सलाह लेना उचित है।
स्ट्रोक का मुख्य कारण
स्ट्रोक का मुख्य कारण शिरास्थान की रक्तस्राव में बाधा होना होता है, जिसके कारण असमय पर मस्तिष्क को अपूर्ण आवश्यक निर्मित सामग्री (ऑक्सीजन और पोषण) पहुंच नहीं पाती है, और इससे मस्तिष्क के कुछ हिस्सों का मर जाना होता है। स्ट्रोक के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- आर्टेरियोस्क्लेरोसिस: यह हैमोरेज के कारण ब्लड वेसल्स (रक्तवाहिकाएँ) की दीवारों की मोटाई और कठोरता के कारण होती है, जिससे रक्तस्राव कम हो जाता है और क्लॉट्स बन सकते हैं.
- इन्ट्राक्रैनियल हेमोरेज: इसका कारण तंत्रिका तंडु के एक हिस्से की रक्तस्राव के किसी भंडार का फटना होता है, जिससे रक्तस्राव बाहर आता है और अचानक दबाव बढ़ जाता है.
- इस्केमिक स्ट्रोक: यह सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक होता है और इसका कारण असमय पर रक्तस्राव की बाधा के कारण मस्तिष्क की किसी हिस्से का मर जाना होता है. यह आर्टेरी में थ्रॉम्बसिस (रक्तक्लॉट) या इम्बोलिस्म (फाटक या कैरोटिड आर्टेरी के रक्तस्राव में टुकड़ा) के कारण हो सकता है.
- अवसर्पिण्ड स्ट्रोक (Subarachnoid Hemorrhage): यह स्ट्रोक का एक प्रकार है जिसका कारण ब्रेन ऑन्यूरिज़्म के अचानक फटने की होता है, जिससे रक्तस्राव होता है.
- किसी औषधि का सेवन: कुछ औषधियाँ या दवाएँ, जैसे कि ब्लड थिनर्स, इसके रिस्क को बढ़ा सकती हैं.
- उच्च रक्तचाप: अच्छा रक्तचाप की निगरानी न करने या नियमित उच्च रक्तचाप के साथ जीने से इस्केमिक स्ट्रोक के रिस्क बढ़ सकता है.
- अल्कोहोल और तंबाकू: अधिक अल्कोहोल और तंबाकू का सेवन स्ट्रोक के लिए एक जोखिम हो सकता है.
- डायबिटीज: डायबिटीज के साथ रहने से भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.
स्ट्रोक के कारण कई हो सकते हैं, और इनमें से कुछ कारण बदल सकते हैं, जबकि कुछ कारण अवश्यक नहीं बदल सकते हैं। स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
स्ट्रोक के इलाज
मैं पहले भी बता चुका हूँ कि स्ट्रोक के इलाज के लिए मेडिकल सहायता अत्यंत महत्वपूर्ण है और स्ट्रोक एक गंभीर समस्या है। घरेलू उपाय अकेले स्ट्रोक का उपचार नहीं कर सकते हैं, लेकिन ये कुछ तरह की स्वस्थ जीवनशैली और प्राथमिक पर्यवरण सुरक्षा उपाय शामिल कर सकते हैं, जो स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकते हैं।
- स्वस्थ आहार: कम नमक, कम चर्बी, हरा सब्जी, फल, दालें, और पूरी अनाज का सेवन करें.
- व्यायाम: योग, प्राणायाम, और नियमित व्यायाम करें.
- नियमित जांच: रक्तचाप, शुगर, और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच करवाएं.
- अल्कोहॉल की सीमा: अल्कोहॉल का मानसिक सेहत पर प्रभाव हो सकता है, इसलिए मानये और सीमित रूप से पींए.
- तंबाकू छोड़ें: सिगरेट या अन्य तंबाकू उपयोग छोड़ दें.
- अधिक पानी पीना: प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिएं.
- वजन नियंत्रण: अधिक वजन कम करें, क्योंकि अधिक वजन स्ट्रोक के लिए एक जोखिम बढ़ावा हो सकता है.
- अच्छी नींद: प्रात: और शाम की नींद का पूरा लें.
- स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस को कम करने के तरीके सीखें, जैसे कि मेडिटेशन और ध्यान.
- दुर्बलीकरण छोड़ें: ड्रग्स और शराब का सेवन न करें.
- सुरक्षा का ध्यान: घर में स्थान, सुरक्षा और अच्छी व्यवस्था बनाएं.
- जागरूकता: स्ट्रोक के लक्षणों की जागरूकता बढ़ाएं, ताकि तुरंत चिकित्सक की सलाह ली जा सके.
- नियमित दवाइयाँ: यदि आप किसी अन्य मेडिकल समस्या का इलाज कर रहे हैं (जैसे कि दिल की बीमारी), तो अपने डॉक्टर की सलाह के हिसाब से नियमित रूप से दवाइयाँ लें.
- रेगुलर दैनिक क्रियाएँ: सोने, उठने, खाने के समय की नियमितता बनाएं.
- साथी सहायक: अगर आपके पास हाथी या बैलगाड़ी जैसी बड़ी वाहन है, तो वाहन चलाने में सहायता ले.
- अच्छी तरह से निगरानी: अपने स्वास्थ्य की निगरानी रखें, और किसी भी असामान्य लक्षण के साथ मेडिकल सहायता प्राप्त करें.
- स्थिति की सबब पर विचार करें: सट्टा, मिर्च, और अन्य तीखी चीजें कम सेवन करें.
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