मानव दिमाग में लगभग 100 अरब (10^11) से 1,000 अरब (10^12) नस होती हैं। यह नस न्यूरॉन्स कहलाती हैं, जिन्हें भी न्यूरोन कहा जाता है। ये न्यूरॉन्स अवशेषों को अपने बीच संचारित करते हैं और दिमाग के कार्यों में अहम भूमिका निभाते हैं।
मनुष्य के दिमाग की मेमोरी क्षमता बहुत ही व्यक्तिगत होती है और इसका निर्धारण अव्यक्त किया जा सकता है। मेमोरी की क्षमता कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि जीवनशैली, शिक्षा, आवश्यकताएं, और अन्य मानसिक प्रक्रियाएं।
व्यक्तिगत मेमोरी को तीन मुख्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है:
- अवशोषित मेमोरी (Sensory Memory): इसमें आविष्कृत किए गए जानकारियों का संचय होता है, लेकिन वे अक्षरशः एक या दो सेकंड के लिए होते हैं।
- स्थायी मेमोरी (Short-term Memory): इसमें संचित जानकारियों को कुछ समय तक स्थायी रूप से धारण किया जाता है, जो कुछ मिनटों से एक दिन तक रह सकता है।
- स्थायी मेमोरी (Long-term Memory): इसमें जानकारियों को बहुत लंबे समय तक स्थायी रूप से धारण किया जाता है, जो वर्षों तक रह सकता है।
मानव दिमाग की अद्वितीयता के कारण, किसी भी व्यक्ति की समय स्थायी मेमोरी की क्षमता अलग-अलग होती है। एक अध्ययन के अनुसार, माना जाता है कि एक औसत व्यक्ति की स्थायी मेमोरी की क्षमता लगभग 7 से 9 आइटमों तक हो सकती है, लेकिन यह संदर्भानुसार भिन्न हो सकती है।
लंबे समय तक की मेमोरी की क्षमता के संबंध में, यह भी व्यक्तिगत होती है और उसके विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है।