UPSC Nurse Recruitment 2024: नमस्कार दोस्तों, कैसे है आप सभी आशा करता हु अच्छे होंगे दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको शरीर मे होने वाली बीमारियाँ और उनके इलाज की पूरी जानकारी देंगे अगर आपको किसी भी अन्य टॉपिक नोट्स या कोई भी स्टडी मे समस्या हो रही हो या Admission संबंधित जानकारी या कोई अन्य जानकारी चाहिये तो आप हमे Comment के माध्यम से जरुर बताएं या BE Educare एक्सपर्ट्स से  9569174559 पर Whats App करके 10 मिनट का फ्री सेशन बुक करें| अपनी तैयारी या Knowledge और बेहतर बनाने के लिए आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये |

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  1. बुखार – Fever
  2. जुकाम – Common Cold
  3. अनिद्रा – Insomnia
  4. रेबीज – Rabies
  5. टी. बी. – Tuberculosis
  6. छींकना – Sneezing
  7. टाइफाइड – Typhoid
  8. मलेरिया – Malaria
  9. डेंगू – Dengue
  10. चिकनगुनिया – Chikungunya
  11. खून की कमी – Anemia
  12. हर्निया – Hernia
  13. आत्मविमोह – Autism
  14. दांत का दर्द – Toothache
  15. सीने में दर्द – Chest Pain
  16. कमर दर्द – Back Pain
  17. सिरदर्द – Headache
  18. मांसपेशियों में दर्द – Muscle Pain
  19. कब्ज – Constipation
  20. लीवर कैंसर – Liver Cancer
  21. ब्रेस्ट कैंसर – Breast Cancer
  22. फेफड़ों का कैंसर – Lung Cancer
  23. प्रोस्टेट कैंसर – Prostate Cancer
  24. हैपेटाइटिस – Hepatitis
  25. पित्ताशय की पथरी – Gallstones
  26. उच्च रक्तचाप – High Blood Pressure
  27. मिरगी – Epilepsy
  28. गुर्दे की पथरी – Kidney Stone
  29. हार्ट अटैक – Heart Attack
  30. स्किन कैंसर – Skin Cancer
  31. मुंहासे – Pimples
  32. गंजापन – Baldness
  33. डीहाइड्रेशन – Dehydration
  34. घमौरियां – Prickly Heat
  35. एड्स – AIDS
  36. दमा – Asthma
  37. मधुमेह – Diabetes
  38. बदहज़मी – Gastric Problem
  39. गठिया – Gout
  40. अपच – Indigestion
  41. कुष्ठरोग – Leprosy
  42. स्कर्वी – Scurvy
  43. बेरीबेरी – Beriberi
  44. रिकेट्स – Rickets
  45. घेंघा – Goiter
  46. लूज मोशन- दस्त – Loose Motion
  47. तनाव- स्ट्रैस – Stress
  48. बवासीर – Piles
  49. एलर्जी – Allergy
  50. मोतियाबिंद – Cataract
  51. टिटनस – Tetanus
  52. चेचक – Chickenpox
  53. हैजा – Cholera
  54. पीलिया – Jaundice
  55. खर्राटे लेना – Snoring
  56. सनबर्न – Sunburn
  57. वायरल बुखार – Viral Fever
  58. खसरा – Measles
  59. फाइलेरिया – Elephantiasis’

पाचनतंत्र से संबंधित विभिन्न बीमारियाँ हो सकती हैं जो निम्नलिखित हो सकती हैं:

  1. डिस्पेपशिया (Dyspepsia): इसमें भुख नहीं लगती है और पेट में अजीब महसूस होता है।
  2. एसीडिटी (Acidity): इसमें पेट में जलन और अम्लपितरोग की समस्या होती है।
  3. एनोरेक्शिया (Anorexia): इसमें भूख नहीं लगती है और व्यक्ति भोजन से इंकार करता है।
  4. कॉस्टिपेशन (Constipation): इसमें मल त्याग करने में कठिनाई और अनियमित मलत्याग होता है।
  5. डायरिया (Diarrhoea): इसमें बार-बार पानी जैसे मल त्याग होते हैं।
  6. डिसेन्टरी (Dysentery): इसमें मल में खून आता है और पेट में दर्द होता है।
  7. कालीक पेन (Colic Pain): इसमें तेज पेट का दर्द होता है, जो कभी-कभी तीव्र हो सकता है।
  8. स्टोमेटेटिस (Stomatitis): इसमें मुँह के अंदर छाले होते हैं, जो खाने में दर्द और असहनीयता पैदा करते हैं।
  9. पाइल्स (Piles): इसमें गुदा के आसपास मस्से बन जाते हैं, जो दर्दनाक होते हैं और मल त्याग में परेशानी पैदा करते हैं।
  10. जान्डिस (Jaundice): इसमें त्वचा और आँखों का पीला हो जाता है, जो कीड़े में संकेत है कि लिवर में कोई समस्या हो सकती है।

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श्वसनतंत्र से संबंधित कुछ प्रमुख रोग निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. अस्थमा (Asthma) – यह एक जाँच में या लक्षणों में अस्थमा की स्थिति को पहचानने वाली एक श्वसन विकार है, जिसमें श्वास लेने में कठिनाई, फुफ्फुसाना, और सीने में तनाव जैसे लक्षण होते हैं।
  2. खांसी (Cough) – यह एक सामान्य रोग है जिसमें श्वसन नली में संजलन और उसके उत्तराधिकार में कफ उत्पन्न होता है।
  3. जुकाम (Cold) – यह श्वसन मार्ग के इंफेक्शन के कारण होने वाला रोग है, जिसमें ठंडी में श्वसन मार्ग की लालिमा और नाक से निकलने वाली वायुविकित के लक्षण होते हैं।
  4. न्योमोनिया (Pneumonia) – यह श्वसन तंत्र के अल्वेओलर वायुबाह्य खुले में संक्रमण के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों के संक्रमण में श्वसन में कठिनाई और फेफड़ों में प्रदाह हो सकता है।
  5. प्लूरिसी (Pleurisy) – यह एक श्वसन तंत्र संबंधित रोग है जिसमें पसलियों के बीच की मेंब्रेन में सूजन और दर्द होता है।

निम्नलिखित आँख/नेत्र रोग हो सकते हैं:

  1. मोतियाबिंद (Cataracts) – यह आँख के लेंस में धुंधलापन और धूप के आसपास हलो या ब्लर की समस्या का कारण बनता है।
  2. आँख दुखना (Conjunctivitis) – यह आँख की अंतःपल्लविका में सूजन और लालिमा के साथ आने वाला संक्रमण है।
  3. मोतियाबिंद (Glaucoma) – यह एक रोग है जो आँख के नजरिया की नसों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे आँख का दायरा बढ़ जाता है और दृश्य कम होता है।
  4. मंददृष्टि (Amblyopia) – यह आँख का दृष्टिगत विकास कम होने की स्थिति है, जिसे अक्षम दृष्टि के रूप में भी जाना जाता है।
  5. तिर्यकदृष्टि / तिरछा या टेड़ा दिखना (Strabismus) – यह एक स्थिति है जिसमें आँखों की दिशा में असंगति होती है, जिसके कारण व्यक्ति को तिरछा या टेड़ा दिखाई देता है।

ज्वर (Fever) विभिन्न कारणों से हो सकता है

  1. टाइफाइड बुखार (Typhoid Fever): यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो सामान्यत: सुजान, बुखार, और पेट की असुविधा के साथ जुड़ा होता है।
  2. मलेरिया बुखार (Malaria): यह मलेरिया परजीवी के कारण होता है और इसमें बुखार, शिशुदंत, थकान, और मांसपेशियों में दर्द होता है।
  3. प्यूरपेरल फीवर (Puerperal Fever): यह गर्भाशय की संक्रमण के कारण होता है और प्रसव के बाद महिलाओं में हो सकता है।
  4. एन्फ्लुएन्जा ज्वर (Influenza Fever): यह एक वायरल संक्रमण है जो बुखार, थकान, गले में खराश, और सिरदर्द के लक्षण प्रकट कर सकता है।
  5. वायरल फीवर (Viral Fever): यह वायरस के कारण होता है और बुखार, शरीर में दर्द, और थकान के लक्षण प्रकट कर सकता है।

त्वचा रोग (Skin Diseases) विभिन्न कारणों से हो सकते हैं और विभिन्न लक्षणों और संक्रमणों के साथ प्रकट हो सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख त्वचा रोग के उदाहरण दिए गए हैं:

  1. कुष्ठ रोग (Leprosy) – यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो त्वचा, नस, और नस-मांसपेशियों को प्रभावित करता है और लक्षणों में छालों का दिखाई देना सहित होता है।
  2. चेचक (Smallpox) – यह वायरल संक्रमण है जो खासकर त्वचा पर लक्षणों में छालों का दिखाई देने के साथ बुखार, थकान, और शरीर में दर्द के लक्षण दिखाता है।
  3. छोटी माता (Measles) – यह वायरल संक्रमण है जो लक्षणों में लाल दानों का दिखाई देने के साथ बुखार, खांसी, और आंखों में लालिमा के लक्षण प्रकट करता है।
  4. दाद (Ringworm) – यह एक कुत्ते या बिल्ली के संक्रमण के कारण होता है और यह त्वचा पर दाने या छाले के रूप में प्रकट होता है।
  5. कील मुहासे (Acne) – यह त्वचा के मुख्य अंग के कीलों के उत्पादन में बढ़त होती है और लक्षणों में मुँहासों और ब्लैकहेड्स का दिखाई देना समाहित है।
  6. एक्जिमा (Eczema) – यह त्वचा की सूजन और खुजली के साथ लक्षणों में आधे से अधिक चिकित्सात्मक गर्मी और दर्द का दिखाई देना सहित होता है।
  7. सूखी खूजली (Pruritus) – यह एक त्वचा की समस्या है जिसमें खुजली का अनुभव होता है और लक्षणों में त्वचा की सूखापन और लालिमा होती है।
  8. खूजली (Scabies) – यह एक कीटाणु संक्रमण है जो खूजली, छोटे लाल दानों के दिखाई देने और त्वचा में छालों का उत्पादन करता है।
  9. सफेद दाग, सफेद कोढ (Leucoderma) – यह त्वचा की मेलेनिन की कमी के कारण होता है और लक्षणों में सफेद दागों का दिखाई देना सहित होता है।
  10. फोडा, फुंसी (Boils) – यह एक त्वचा के संक्रमण है जो लक्षणों में छालों के दिखाई देने, गर्मी, और पीड़ा हो सकती है।

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